Aadhaar e-kyc OTP : अब लोगों को सत्यापन के लिए बिना पहचानो और पता के aadhaar e-kyc otp का उपयोग होना शुरू हो गया है। मोबाइल सिम को खरीदने से लेकर राशन कार्ड और गैस कनेक्शन के लिए भी एक e-kyc महत्वपूर्ण हो गया है।

यदि बैंक खाता खुलवाना या फिर शेयर बाजार में निवेश करना हो या फिर ऑनलाइन लेनदेन किसान बीमा पॉलिसी भी लेना हो तो इन सभी जगहों पर e-kyc करवाना ही पड़ता है। अब तो किसान क्रेडिट का पैसा लेने के लिए और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए भी e-kyc अब जरूरी हो गई है।
aadhaar e-kyc otp क्या है?
e-kyc का अर्थ “अपने ग्राहक के बारे में जानना” होता है। बैंक कंपनियां इस e-kyc की प्रक्रिया में अपने सभी ग्राहकों की फोटो के साथ-साथ प्रमाण पत्र और पता के प्रमाण से संबंधित दस्तावेजों को जमा कराती है। यही कागजी दस्तावेजों की बजाय ऑनलाइन या फिर डिजिटल तरीके से पूरा किया जाता है तो ऐसे ही इलेक्ट्रॉनिक kyc या फिर e-kyc क्या जाता है।
भारत में यह प्रक्रिया आधार नंबर की मदद से की जाती है इसलिए यहां पर e-kyc कहने से मतलब आधार e-kyc से लगाया जाता है। आधार नंबर जारी करने वाली सभी संस्था के पास हर आधार कार्ड नंबर से जुड़े व्यक्ति का personal और शारीरिक data को भी दर्ज किया जाता है।
कोई भी व्यक्ति अपना उंगलियों के निशान या फिर अपने खाते की बनावट के माध्यम से e-kyc करवा सकता है। तू इस तरह से वह व्यक्ति बिना किसी दूसरे कागजी दस्तावेजों के जमा किए अपना नाम, पता, नंबर आदि से संबंधित अपने सभी प्रमाण को पेश कर सकता है।
E-KYC के प्रकार
आज के समय में आधार कार्ड के नंबर की सहायता से इस E-KYC की प्रमुख प्रक्रियाएं चार प्रकार की होती है जिसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दो तरह की कैटेगरी में विभाजित किया गया है। जो इस प्रकार से निम्नलिखित है –
online method में
आधार के OTP की सहायता से
otp से वेरिफिकेशन के लिए आप के आधार कार्ड से आपके मोबाइल नंबर को जोड़ा जाता है। जिसके बाद उस मोबाइल नंबर पर वेरिफिकेशन के लिए एक OTP आता है और जैसे ही वह otp दर्ज किया जाता है तो इस E-KYC की प्रक्रिया पूरी हो जाती है।
बॉयोमेट्रिक सत्यापन की सहायता से
बायोमेट्रिक सत्यापन में एक scanner का इस्तेमाल किया जाता है। जिसमें एक स्केनर के माध्यम से एक व्यक्ति की पूरे शरीर का डाटा UIDAI के पास जाता है। इसके लिए वह स्केनर की सहायता से आपकी उंगलियों की फिंगरप्रिंट को स्कैन करते हैं
यदि फिंगरप्रिंट काम नहीं किया तो वह आपके आंखों को स्कैन करते हैं। जिसके बाद उसके डेटाबेस से आपके आधार नंबर से जुड़े डिटेल से मिलाया जाता है। तब जाकर इस E-KYC की प्रक्रिया पूरी होती है।
offline method में
QR कोड की सहायता से
जब एक व्यक्ति को आधार कार्ड मिलता है तो उसमें एक QR code भी दिया जाता है। यह QR code प्रत्येक व्यक्ति के आधार कार्ड में अलग-अलग दिया जाता है जो केवल उसे स्कैन करने के बाद ही पढ़ा जा सकता है।
इसके कारण कोई भी कंपनी इस कोड को स्कैन करने के बाद आपके आधार नंबर से जुड़े सभी विवरण को ले लेता है और जिसके बाद E-KYC की प्रक्रिया पूरी हो जाती है।
Aadhaar XML file से सत्यापन सहायता से
इस method में आपको UIDAI website नामक पर जाकर Offline eKYC का विकल्प चुनना पड़ता है। उसमें आपको एक विशिष्ट XML file डाउनलोड करना होता है। इस फाइल में जो भी code होते हैं,
उसमें आपके demographic के सारे details छुपे रहते हैं। जैसे कि आपका नाम, जन्मतिथि, जेंडर, पता आदि। इसकी सिक्योरिटी इतनी अच्छी होती है
केवल service providers के उपकरणों से ही इसे पढ़ा जा सकता है और दूसरा कोई भी व्यक्ति आपके इस डिटेल्स को पढ़ नहीं पाएगा। इस सुरक्षित प्रक्रिया के बाद E-KYC की प्रक्रिया पूरी हो जाती है।
E-KYC के फायदे

जैसा कि आप सब को पता है कि E-KYC पूरी तरह से advanced method है जिसका उपयोग डिजिटल उपकरणों से किया जा सकता है। जिसके कारण से व्यक्ति और कंपनी दोनों को ही इसके फायदे होते हैं। इस E-KYC के फायदे कुछ इस प्रकार से निम्नलिखित है –
प्रक्रिया में समय की बचत
KYC नॉर्मल प्रक्रिया में अवश्य ही सारे दस्तावेजों की जरूरत होती है लेकिन उसमें समय बहुत अधिक लगता है। कभी-कभी तो पूरे प्रक्रिया को खत्म होने में 3 से 4 हफ्ते भी लग जाते थे।
लेकिन आज की एडवांस मेथड के वजह से सारी प्रक्रिया को करने में कम से कम समय लगता है क्योंकि इसके लिए जितने भी डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है
वह थोड़े समय में ही कंपनियों के द्वारा निकाला जा सकता है। जिससे समय की काफी बचत होती है और मिनटों में ही E-KYC की प्रक्रिया पूरी हो जाती है।
कागजी दस्तावेज आवश्यक नहीं
E-KYC की प्रक्रिया के लिए एक व्यक्ति को अपनी पहचान को साबित करने के लिए विभिन्न तरह के दस्तावेजों की कोई जरूरत नहीं होती है।
वे केवल अपने आधार कार्ड की मदद से ही अपने प्रमाण पत्र और डाक्यूमेंट्स का इस्तेमाल करके अपने सभी कार्यों को पूरा कर सकते हैं। ऐसा करने से कोई भी दस्तावेज इधर-उधर होने का chance नहीं होता है।
reduce of cost
नॉर्मल KYC के समय में बहुत सारे documents को बनवाने के लिए और उनके xerox करवाने आदि के लिए हर समय पैसे खर्च होते थे लेकिन अब E-KYC की प्रक्रिया में कम से कम पैसे पैसे की खर्च में इसकी पूरी प्रक्रिया हो जाती है।
ऑटोफिल की पूरी सुविधा
विभिन्न प्रकार की योजनाओं के लिए जब Onlice Form को भरने की प्रक्रिया होती है तब आप Aadhaar e KYC का उपयोग करके अपने डॉक्यूमेंट से संबंधित
जैसे अपना नाम,पता और जन्मतिथि जैसे महत्वपूर्ण जानकारियों को ऑटोफिल कर सकते हैं। लेकिन Normal KYC की प्रक्रिया में करना संभव नहीं है। वहां आपको हर बार नए सिरे से सारी जानकारियां को भरना होता है।
गड़बड़ी होने की गुंजाइश कम
Aaadhaar e-kyc में आपको किसी भी दस्तावेज को दूसरों को नहीं देना पड़ता है इसलिए दस्तावेजों का गड़बड़ी हो ना या फिर खोने की गुंजाइश ना के बराबर होती है।
लेकिन नॉर्मल KYC में ऐसा नहीं होता है यहां पर आपको अपने सारे दस्तावेजों को कागजी तौर पर जमा करना होता है जिसमें सारे दस्तावेजों का हेरफेर होने की संभावना बनी रहती है और आपके हस्ताक्षर के नकल होने की गुंजाइश भी बनी रहती है
लेकिन eKYC में सभी दस्तावेजों को स्केनर के माध्यम से स्कैन करके निकाला जा सकता है जिसमें किसी भी तरह की लापरवाही होने की गुंजाइश कम होती है।